*संस्था के संस्थापक ब्रह्माबाबा के 54 वें अव्यक्त आरोहण पर मनाया गया "विश्व शांति दिवस"।* प्रज

*संस्था के संस्थापक ब्रह्माबाबा के 54 वें अव्यक्त आरोहण पर मनाया गया "विश्व शांति दिवस"।* प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शिव वरदान भवन मे संस्था के मुख्य संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के 54 वें अव्यक्त आरोहण दिवस को" *विश्व शांति दिवस"* के रूप में मनाया गया। आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा ,पूर्व विधायक व सोंधिया समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमराज कलपोनी, ब्रह्माकुमारीज की जिला प्रभारी ब्रम्हाकुमारी मधु दीदी, कांग्रेस के पूर्व जिला महामंत्री राशिद जमील, नर्मदा ग्रामीण बैंक के पूर्व बैंक मैनेजर गिरिराज गुप्ता, जिला प्रोढ शिक्षा अधिकारी केएन गुप्ता व समाजसेवी प्रताप सिंह सिसोदिया ने दीप प्रज्वलित कर किया । ब्रम्हाकुमारी मधु दीदी ने पिताश्री की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्रह्माबाबा का लौकिक नाम दादा लेखराज था, वे हीरे के प्रख्यात व्यापारी थे, उन्हें 60 साल की उम्र में स्वयं निराकार शिव परमात्मा ने अपना साकार माध्यम बनाया एवं दिव्य नाम ब्रह्मा दिया और उनके तन में प्रवेश करके सत्य ज्ञान का एवं विश्व में शांति स्थापित करने का दिव्य कार्य किया । ब्रह्माबाबा मानवता के ऐसे मसीहा थे जिन्होंने परमात्मा के इशारे से विश्व शांति एवं भारत को स्वर्णिम राष्ट्र बनाने के लिए अपना सर्वस्व स्वाह: कर दिया और यज्ञ पिता बन 93 वर्ष की आयु तक यज्ञ संचालन के साकार माध्यम बने । उन्होंने पवित्रता व शांति की नींव इतनी मजबूत रखी जो आज उनकी राहों पर लाखों ब्रह्मा वत्स आगे बढ़ निस्वार्थ भाव से विश्व के 140 देशों मे पहुंच कर विश्व शांति का कार्य कर रहे हैं। आज के दिन हम सब को भी ब्रह्मा बाप समान विश्व मे शांति स्थापित करने के लिए जरूर आगे आना चाहिए। पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा जी ने कहा कि कोई शरीर छोड़ते हैं तो उनकी आत्मा की शांति के लिए सभा आयोजित की जाती है लेकिन यहां पर विश्व में शांति के लिए कार्यक्रम किया जा रहा है इससे ही सिद्ध होता है कि ब्रह्मा बाबा ने पूरे विश्व को एक परिवार समझ निस्वार्थ प्रेम एवं शांति फैलाने का अद्वितीय कार्य किया इसी शांति की शक्ति की वजह से भारत विश्व में अपनी अलग पहचान बना रहा है। प्रताप सिंह सिसोदिया जी ने संस्था से जुड़ने के अनुभव सुनाएं सभी को जीवन में आध्यात्मिकता अपनाने की बात कही । अंत मे सभी अतिथियों एवं भाई-बहनों ने ब्रह्माबाबा के चित्र एवं उनकी समाधि स्थल के मॉडल शांति स्तंभ पर श्रद्धासुमन अर्पित किए ।ब्रम्हाकुमारी सुरेखा बहन ने भाई बहनों के साथ शांति अनुभूति कॉमेंट्री द्वारा विश्व में शांति के वाइब्रेशन फैलाएं ।।अंत में सभी अतिथियों को ईश्वरीय सौगात भेंट की गई।